Nojoto: Largest Storytelling Platform

White कदमों का क्या था ये तो भटक ही जाते है, मसला

White कदमों का क्या था ये तो भटक ही जाते है,
मसला दिल का था ये तो अटक ही जाता है।
तुम्हारे पास से गुजारूं और पलट कर भी न देखूं,
यानि बरसात हो और मैं न भीगूं।।
चांदनी रात को ओढ़ लो चादर चांद की,
फिर भी मैं तुम्हारी चमक को तरसू।
बैठो मेरे आगोश में तुम चांदनी रात में,
यानी चांद हो मेरा और मैं चांद की रोशनी को तरसू।।

©Sachin Mishra #moon_day
White कदमों का क्या था ये तो भटक ही जाते है,
मसला दिल का था ये तो अटक ही जाता है।
तुम्हारे पास से गुजारूं और पलट कर भी न देखूं,
यानि बरसात हो और मैं न भीगूं।।
चांदनी रात को ओढ़ लो चादर चांद की,
फिर भी मैं तुम्हारी चमक को तरसू।
बैठो मेरे आगोश में तुम चांदनी रात में,
यानी चांद हो मेरा और मैं चांद की रोशनी को तरसू।।

©Sachin Mishra #moon_day