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जब इल्जामों का जाल बिछने लगता है तब ख्वाहिशों का

जब इल्जामों का जाल बिछने लगता है 
तब ख्वाहिशों का दम घुटने लगता है
क्यों न रोये? रोये क्यों न आदमी 
ऐ दर्द तू क्या समझता है,
क्या तुझे मालूम नहीं की 
मर्द को भी दर्द होता है

जब...
उसके सपने टूटते हैं, 
जब उसके अपने रूठते हैं
और जब भरी जमाने में उसे पूछते हैं

???

©Uttam Kumar
  #मर्द_को_भी_दर्द_होता_है
#beaman #strongman