सफ़र में हूं, नज़र में हूं, कभी तुम्हारी यादों या तुम्हारे मीठी मुस्कुराहटों में हूं। दूरियां ही तो है बस दो शहरों की, तू आंखें बंद कर ले, तो मैं तुम्हारे पलकों की आहटों में हूं।। ©Kumar Vivek #quotation #Love