टूटे ख़्वाबों पे नज़र कौन करे सूखी लकड़ी को शजर कौन करे हमसफ़र साथ न हो कोई अगर सर्द रातों में सफ़र कौन करे बात निकले तो चले दूर तलक बात करनी है मगर कौन करे जब कोई वजहे ज़िंदगी ही न हो ज़िंदगी ऐसे बसर कौन करे दिल तो दरअस्ल एक गांव है दिल की बस्ती को नगर कौन करे जब हो आसान रास्ते की ख़बर तंग राहों से गुज़र कौन करे आग तो दोनों तरफ़ ही है मगर अपनी हालत की ख़बर कौन करे जब सदाक़त कोई एहसास न हो "जग्गी" ऐसी गलती को सहर कौन करे ©Jagjeet Singh Jaggi #brokenwindow #soulmate #jaggiquotes #priya_sethi_batra #Nojoto