आँचल जो सुकून मां की आंचल मे, वो जन्नत के बांहों में कहा जो प्यार बरसता है मां की आंखों से, वो बारिश के बूंदों मे कहा जो मिठास मां की जुवा पे वो बहते तरंगों मे कहां # पहले रातें गुजरते थे मां के प्यार के आंचल तले अब गुजरते हैं रातें, लैपटॉप हाथों में लेके