है दुनिया क़ैद है सारी जिंदगियां चार दरवाजों में आज़ाद है सारे उम्मीदें पर क़ैद बहुत से सपने आज़ाद है दिमाग़ पर क़ैद में है सोच परींदा है मन और पिंजरा है उसकी नासमझी उड़ने का है हौसला पर क़ैद पंख क़ैद में है सिर्फ इंसान का जिस्म रीहा है उसकी रूह.... कभी कभी लगता है हम चारदीवारी में क़ैद हैं। #चारदीवारी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #rulesoflogic #socialmessage #yqhindi #yqlife