रणदीप का प्रणाम तुम जंगल काटो वहां शहर वसा दो तुम कहते हो न जंगलों में असभ्यता है याद है..................? राम ने वहां मान पाया जंगल से ही सभ्यता का सबको पाठ पढ़ाया जंगल नहीं होगा तब वनवास नहीं होगा अतः तब फिरसे कोई राम नहीं होगा ! - रणदीप 'पुष्पवीर' ©Randeep Yagyik " जंगल"