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कितना बेचैन था मैं, तेरी मुलाक़ात से पहले... अब के

कितना बेचैन था मैं, तेरी मुलाक़ात से पहले...
अब के शायद दिन निकला हैं काली रात से पहले..।

                                 - ख़ब्तुल
                             संदीप बडवाईक ओशो
कितना बेचैन था मैं, तेरी मुलाक़ात से पहले...
अब के शायद दिन निकला हैं काली रात से पहले..।

                                 - ख़ब्तुल
                             संदीप बडवाईक ओशो