तेरे दयार पे शाम अब भी वही है। फ़र्क बस इतना कि वहाँ तू नहीं है। बजती थी जहाँ सरगम पायल के खनक की, अब वीरानियों का आलम, और खामोशियों की नमी है। ©Sneh Lata Pandey 'sneh' #बस तू नहीं है