दांगी ना हूं पर बागी नहीं हूं मां हूं पर भरपाई नहीं हुं कसूरवार कैसे पर रुसवाई नहीं हुं उम्मीद ख़ुद पर मुहताज़ी नहीं हूं हकदार हूं पर हिरासत नहीं हूं इंसानियत हूं पर गुरूर नही हूं नज़र ऊंची पर सवाल नही हूं सर झुका पर गिरावट नहीं हूं क़िरदार मेरे कई स्वाभिमानी भी हूं हैरत से ना देखो नज़रो से गिरे तुम भी यहीं हो देर नही लगती इंसानियत की इज़्ज़त गिरने में कर्मं मेरे खुद के शर्मसार मैं नहीं हूं मां हूं पर ख़ुदग़र्ज़ नही हुं औरा मेरा नेक इंसान पहले हूं ©️। जज़्बात ए हर्षिता #respect #women #life #zindagi. #yqbaba #yqdidi दांगी ना हूं पर बागी नहीं हूं मां हूं पर भरपाई नहीं हुं कसूरवार कैसे पर रुसवाई नहीं हुं उम्मीद ख़ुद पर मुहताज़ी नहीं हूं