मुझे मत मारो माँ मैं तो हूँ एक कच्ची कली सी जो चाहती है खिलना फूलों की तरह ताकि बन सके रौनक तेरे आँगन की मैं बनूँगी भाइयों के कलाइयों की चमचमाती रँग-बिरंगी राखी पर तू क्यों खाती है मुझसे भय क्यों गर्भ में ही मार दी जाती हूँ मैं क्या यहीं तक है मेरा आना-जाना क्यों नहीं चाहता है मुझे कोई भी अपनाना पहले मुझे इस दुनिया में आने दे माँ नहीं आने दूँगी तेरे सम्मान में आंच रखूंगी तेरे स्वाभिमान को जिंदा मुझे मत मारो माँ मैं तो हूँ एक उन्मुक्त परिंदा #मुझे_मत_मारो_माँ #माँ #बेटी #भ्रूण_हत्या #बेटी_बचाओ #नोजोटो_हिंदी #Nojoto_Hindi