!!कुत्तों से सावधान!! कुहासे की भी एक अलग पहचान है सर्दी के मौसम में इसका रूप महान है लेकिन आज प्रातः मैं जब घर से निकला तो कोई नजर ना आया पूरी सड़क सूनसान है जब लगा देखने इधर उधर मैं तो कहीं से कुत्तों की आवाज थी आई बीच सड़क पर अकेला था मैं पर आवाज सुनकर दिल थी घबराई फिर मैंने भी अपनी पुरी सांस जूटाई जब देखा मैं कुत्तों की टोली की परछाई तो मन में हनुमान चालीसा गुनगूनाई तब तन में थोड़ी सी थी ऊर्जा समाई सोंचा चलो कुत्तों के बीच आज मुकाबला हो जाई लेकिन शरीर मेरी थी कुछ ज्यादा झनझनाई रोऐं मेरे सिहर रहे थे हाथ-पैर भी पूरी कंपकंपाई सोंचा था कि आज कुत्तों से पूरी करूं लड़ाई माना नहीं था दिल मेरा पर दिल को थोडी सी समझाई और मन ही मन में अपने-आप को हार मनवाई अंतिम में पीछे की ओर मैं अपनी कदम बढाई दौड़कर भागा घर की तरफ और जल्दी से पकड़ी अपनी रजाई।। ये राहुल (कवि)साहब ने अपनी एक घटना बताई।।। जो राहुल ने किया अनूभव उसकी गाथा आपको सुनाई कवि::--राहुल कुमार ©Rahul Kumar कुत्तों से सावधान #WinterFog