किसी के यादों के सहारे जिंदा हैं अभी तक वरना.. मारने वालों की साजिश बरकार हैं बस ... हम उन जैसे नहीं हैं तो इसी बात का मारने वालों को क्लेश है कुछ यादों को पिरोह कर मालाऐ बनाकर तुम्हें दिनरात पूजते हैं हम और तुम्हारे सिवा किसी को चाहते नहीं हैं हम naveen✒✒ जिंदा हैं अभी तक