ईज्जत की खुदी हुई कब्र पर... बेज्जती के पनपे हुए पेड़ से... निर्लज्जता के उगे हुए फल को खाकर... उसकी संतान भी महादेवी वर्मा के घीसा जैसी ही होती है... # बेईमानी का धन #