रूनझून के इन्तज़ार का सिलसिला इक दिन खत्म हो ही गया, ये क्या बाबा के साथ एक औरत आयी है पर वो तो पूरा चेहरा अपने साड़ी से ढ़के हुई है, फ़िर भी रूनझून खुशी के मारे उछलते हुए बाबा और उस औरत के आगे पीछे गोल गोल घूमने लगी, सबने जब बोला कि जाओ गुड़िया अपने माँ के पास तो रूनझून उनके पास गयी और जब उस औरत ने उसके गुलाबी गालों पर प्यार से हाथ सहलाया तो.. ये क्या रूनझून के माँ के हाथ की चूडिय़ां और साड़ी उसे चुभती नहीं थीं पर ये तो माँ नहीं लगती जब उसने सबको सवाल भरी नजरों से देखा तो सबने उसे बताया की ये तुम्हारी नयी माँ है.. #runjhun की माँ 2