पंक्षी तुम आज़ाद हो उड़ने के लिए, हम तो फिर भी हौंसलौ पर मोहताज हैं उड़ने के लिए, न जाने वो पंख हमे कब मिलेंगे,जब हम भर सकेंगे अपनी उड़ान।।। बिना हौंसलौ की उड़ान तुम भी भरलो,मोज अभी तुम भी करलो, क्योंकि वक़्त तो सभी का आता है। जब मेरा आएगा तब मैं भी उडूंगी और,....... इतना ऊपर उडूंगी कि तुम भी सोचोगे कि बिना पंखो की उड़ान आखिर ऐसी होती हैं।।।। ("हौंसलो वाली, उम्मीदों वाली") ""made by Pratibha Jain""............ "उड़ान" , हौंसलौ वाली उम्मीदों वाली