उसका जाना बारिश की रुत के जाने जैसा था उसके आने की आहट से मानो मन का मोर झूम उठता था, नाचने लगता गाने लगता जब वो आती इश्क की बारिश में तर - बतर कर जाती खूब जमकर बरसती मन के हर एक कोने को सावन सा भिगो जाती। उसका जाना यूं हुआ मानो रह गई हो उसके इश्क की सोंधी सोंधी सी महक तन बदन से रूह तक महकती है उसकी याद बनकर बिखरती है उसके जाने के बाद कई सावन आए,कई गए वो बारिश फिर ना हो सकी वो रूत फिर ना आई सकी लौटकर जो इस बदन को महका सके। उसकी महक आज भी कहीं ना कहीं जिंदा है बस तुम्हारा आना ना हो सका। #spillpoetry #nojoto #poetry #poem #shayri #hindipoem #nojotowriter #barish #sawan