कैसे बताऊं, के क्या हुआ है.. ये सुबह लगे है,नया-नया है.. सिरहाने में तू था मेरे ख़्वाब जैसा..तुझे फिर से देखा,तुझे फिर छुआ है.. मैं पागल था तेरी खुशियां समझ ही न पाया किया तूने वो जो तेरे लिए सही था क्यों रहता भला तू उस रिश्ते में कब तक के मैं तो तेरी मोहब्बत भी नही था मैं ज़िंदा हूँ अब तक तुझे याद करके तेरा नाम मेरे लिये एक दुआ है न तुझसे शिक़ायत किसी बात की है न तेरा दिल दुखाने का है अब कोई इरादा मैं क्यों तुझको भूलूँ, तू है धड़कनों सा मोहब्बत हुई अब तुझसे पहले से भी ज़्यादा है तेरी इनायत, मुझे लिखना सिखाया तेरे दम से ही तो "आतिफ" शायर हुआ है कैसे बताऊं,के क्या हुआ है...ये सुबह लगे है,नया-नया है.. सिरहाने में तू था मेरे ख़्वाब जैसा..तुझे फिर से देखा,तुझे फिर छुआ है.. good morning everyone.. Jitthe hasrat koi vi na baaki rave Chahiye jo vi mile Haan jitthe din vi kadi na dhalda hove Chann vi na sove Jitthe jagde ve jannat da ghumaan ho