ख़त बैठा हूं लिखने कुछ सब्द मै वो सब्द है तेरा नाम, उठा हूं लिखने एक नई जिन्दगी तेरे ही नाम । लिखने को तो मै कुछ भी लिख दूं हर सुबह शाम, यहीतमन्ना मेरी तुझे अब जोड़े में लेकर आऊं मेरे गाम मेरी डायरी मेरी कहानी