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झूठे थे वादे झूठी थी कसमें सारी। झूठा था प्यार तेर

झूठे थे वादे झूठी थी कसमें सारी।
झूठा था प्यार तेरा  झूठी थी यारी।।
दिल तोडना ही था तो,फिर हमसे लगाया क्यों।
नजरें मिलाकर हमसे,फिर आज चुराया क्यों।।
क्या यही तरीका था,तेरा मोहब्बत करने का ।
झूठा था वादा संग जीने मरने का।।
कवि रामदास गुर्जर # कसमें और वादे# कवि रामदास गुर्जर
झूठे थे वादे झूठी थी कसमें सारी।
झूठा था प्यार तेरा  झूठी थी यारी।।
दिल तोडना ही था तो,फिर हमसे लगाया क्यों।
नजरें मिलाकर हमसे,फिर आज चुराया क्यों।।
क्या यही तरीका था,तेरा मोहब्बत करने का ।
झूठा था वादा संग जीने मरने का।।
कवि रामदास गुर्जर # कसमें और वादे# कवि रामदास गुर्जर