रात ढले एक पहर हो गया है, धीरे-धीरे ये पहर, सहर हो गया है। यूं कब तक इंतजा़र करेगा ये मुलाजिम तेरा यूं कब तक और इंतेजार करेगा ये मुलाजिम तेरा।, मालूम है तुझे, मालूम है तुझे, ये छोटे से कस्बे से पूरा शहर हो गया है। ~हेमंत राय। #रात #पहर #शहर #मुलाजिम #कस्बा #इश्क़ #nojoto #हिंदी #शायरी