मैंने ए सोचा है की, मैं फिरसे 💚तुम्हे💚 ही लिखूंगा... वरना इश्क़ में अनपढ़ सा मैं भला, "तेरे" सिवा और दूसरा क्या सीखूंगा... की,,, अब मैंने ए सोचा है की, मैं फिरसे 💚तुम्हे💚 ही लिखूंगा... वरना इश्क़ में अनपढ़ सा मैं भला, "तेरे" सिवा और दूसरा क्या सीखूंगा... ए कैसा एब है मेरे कलम की नोक में जो कहती है अंधेरे में रोशनी करनी है,,, जैसे "क़िरदार" अनसुना करदे, फिर भी मैं हूं की उसी के लिए चीखूंगा...!!— % & 💚जान💚 जिंदगी भर मैं, सिर्फ तुम्हें ही लिखूंगा...!! . . . . . #45thquote