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ताज-महल ( नज़्म)(साहिर लुधियानवी) #recital ताज तेर

#recital

ताज तेरे लिए इक मज़हर-ए-उल्फ़त ही सही 

तुझ को इस वादी-ए-रंगीं से अक़ीदत ही सही 

मेरी महबूब कहीं और मिला कर मुझ से

#Recital ताज तेरे लिए इक मज़हर-ए-उल्फ़त ही सही तुझ को इस वादी-ए-रंगीं से अक़ीदत ही सही मेरी महबूब कहीं और मिला कर मुझ से #RitualsSpeech

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