बात यूं है, वो वो ना रहे मै मै ना रहा बोलूं गर तो कहेंगे , तुमने कुछ कहा ये मौसम है प्रिय कभी तुम्हें तो कभी मुझे भाएगा करलो नफरत चाहे दिल से, बाहर तो प्यार आएगा बात तो कदर की है प्रिय ,जो करलेगा वो पाएगा अब भी वक्त है लड़ाई करलो, मामला निपट जाएगा लड़ कर तो देखो पगली, तुम्हे भी चैन आएगा हो सकता तुम शांत होजाओ, मेरा घर बस जाएगा कहा जाओगे तुम मेरे बिन, मेरे जनमो के साथी तुम खाते हो जितना उतना तो खाते नहीं हाथी क्या अच्छा लगता है, कोई और अब जिंदगी में लाओगे 70 के होग्ये हो, शुगर है, दोबारा शादी का लड्डू खाओगे मेरा भी तो ख्याल करो, 25 की 3 से गुना हो चली मेरा क्या बचेगा गर तुम, हनीमून लिए उना को चली देखो चाहे बात वो ना रहे चाहे मै मै ना रहूं तुम कहना" तुमने कुछ कहा" मै जो भी कहूं। #sidhu_arsh_poetry