If I were child again "बचपन के खेल" बचपन के थे वो खेल निराले बचपन के थे खेल वो न्यारे बचपन के खेलों में होते थे दोस्त हमारे प्यारे प्यारे एक नहीं दो नहीं दोस्त होते थे बहुत सारे कभी खेलते लुका छुपी कभी खेलते थे पकड़म पकड़ाई और राजा मंत्री चोर सिपाही कोई इस गली कोई उस गली छुप जाते थे दोस्त हमारे गर्मियों की छुट्टियों का करते थे इंतज़ार हम सारे बचपन के थे वो खेल निराले कभी साईकिल के पहियों में कभी पतंग की डोर के पीछे भागते थे दोस्त हमारे कभी इस पेड़ कभी उस पेड़ चड़ जाते थे दोस्त हमारे दिन बड़े खुशियों भरे थे बचपन के वो हमारे होते थे बेचैन मिलने को यारों से इन खेलों के सहारे बचपन के थे खेल वो खेल निराले गया बचपन हो गए जवां कोन खेलेगा खेल अब प्यारे बचपन के थे वो खेल निराले बचपन के थे वो खेल न्यारे "आशू शुक्ला" #childhoodmemories #childhoodstories #Childwithin