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मेरे दिल में पड़ी कोई निशान लगती हो तुम मुझ में ठ

मेरे दिल में पड़ी कोई निशान लगती हो 
तुम मुझ में ठहरी हुई कोई अरमान लगती हो 
निकलकर कैसे जाओगी  रूह-ए-जिगर से 
तुम मेरे नफ़्स में बसी कोई प्राण लगती हो #alway #forver
मेरे दिल में पड़ी कोई निशान लगती हो 
तुम मुझ में ठहरी हुई कोई अरमान लगती हो 
निकलकर कैसे जाओगी  रूह-ए-जिगर से 
तुम मेरे नफ़्स में बसी कोई प्राण लगती हो #alway #forver