न जाने कितनी छोटी उम्र में ही फांसी के फंदे पर झूल गये, न जाने कितनों के सीने गोलियों से छल्ली हो गये, हजारो जवान अपनी आज हिंदुस्तान के लिए कुर्बान कर गये, ओर तुम कहते हो कि चरखे से आजादी आयी थी !! writes_Ankit_Nayak गांधी जयंती 02-oct special 👌👌 #fan_bhagat_singh_da इंकलाब जिंदाबाद 👍