जिंदगी की शाम का अब समझो इशारा प्रिय, समा के हमारे तन में कश्मकश मिटाओ प्रिय, अधूरे गुलिस्तां मुकम्मल करदे पास तो आओ, कि गमों को अब गुमराह कर भटकाए प्रिय। ♥️ आ अब लौट चलें ♥️ #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ अपने मित्रों के साथ कोलाब करें। ♥️ कोलाब करने के बाद "Done" काॅमेंट करें।