कोयल खो गयी आज सवेरे शाख से नाराजगी हवाओं की जायज़ थी..... आने जाने की रीत में निभा कर, सुरों की मल्लिका का हमसे बिछड़ जाना... संगीत की ध्वनि का जीवन से बिछड़ जाना.. जीवन यही है मिलना और मिल कर बिछड़ जाना..... रीढ़ टूट गयी, संगीत लड़खड़ा जाएगी.. बसंत में बसंत का चले जाना मैं नहीं मानती मृत्यु अंतिम सत्य है... मृत्यु के बाद एक और जीवन.... कल माँ सरस्वती की आराधना और आज विसर्जन.. नियति यही है... बस फैसला मंजूर नहीं.... ©Mallika #LataMangeshkar #Latademisequotes #LataDidi