दिन गुजर जाता है चूल्हे चौके में रात होते ही वो थक हार जाती है इस तरह ये जिंदगी बेकार जाती है फिर गुजर जाती है शब चाँद देखते आह मेरी आसमा के पार जाती है इस तरह ये जिंदगी बेकार जाती है रोज उम्मीदों के मैं ख्वाब बोता हूँ वो रोज उम्मीदें उजाड़ जाती है इस तरह ये जिंदगी बेकार जाती है 🖊: "सरकश" #Fire #Raat #auarat #Hope Neha Dodiya Suman Zaniyan