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सपने मेरे सब टूट गए, जब जाना कितना गहरा पानी।  न

सपने मेरे सब टूट गए,
जब जाना कितना गहरा पानी।

 न तैरना मुझको आता था,
     न पास थी कोई नाव मेरे।
लकड़ी को एक विश्वास बना,
     फिर लहरें सारी साथ मेरे।

एक दूर किनारा दिखा मुझे,
 पत्थर की थी चट्टान बड़ी।
चढ़ते-चढ़ते ऊपर जिसपर,
   साँसे जो मेरी हुई खड़ी।

मंजिल थी मेरी पूरब में,
     उस लाल दिशा को जाना था।
सपनों के डर से नींद नहीं,
    फिर से वापस न जाना था।

अब चारों ओर उजाला था,
    टूटे सपने से जीत गया।
था मुझको अब विश्वास बड़ा,
            जीवन जीना मैं सीख गया। #NojotoQuote टूटे सपने।
# hindikavitakoshblog. blogspot.com
सपने मेरे सब टूट गए,
जब जाना कितना गहरा पानी।

 न तैरना मुझको आता था,
     न पास थी कोई नाव मेरे।
लकड़ी को एक विश्वास बना,
     फिर लहरें सारी साथ मेरे।

एक दूर किनारा दिखा मुझे,
 पत्थर की थी चट्टान बड़ी।
चढ़ते-चढ़ते ऊपर जिसपर,
   साँसे जो मेरी हुई खड़ी।

मंजिल थी मेरी पूरब में,
     उस लाल दिशा को जाना था।
सपनों के डर से नींद नहीं,
    फिर से वापस न जाना था।

अब चारों ओर उजाला था,
    टूटे सपने से जीत गया।
था मुझको अब विश्वास बड़ा,
            जीवन जीना मैं सीख गया। #NojotoQuote टूटे सपने।
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jatinjoshi2727

jatin joshi

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