टपक पड़ते हैं कभी भी, खुशी हो या फिर ग़म, बस एक सच्चा एहसास जैसे, ज़िन्दा है एक छोटा बच्चा, सुकून और दर्द दोनों ही, यों एक साथ साँस लेते हैं, भावुक कर जाते हैं हमें, हमारी ही यादों को जगा कर, छल-कपट, कुटिलता से परे, बरबस बहते आँसू ही तो हैं। ... ... ... जब कभी कहीं दिख जाएँ, समझ लेना ...... इन्सानियत ज़िन्दा है अभी। #आँसू #बरबस #भावुक #कुटिलता #सुकून_दर्द #इन्सानियत #yqhindi #bestyqhindiquotes