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चल चलते हैं एक सत्य से स्वयं को अवगत कराते हैं अपन

चल चलते हैं एक सत्य से स्वयं को अवगत कराते हैं
अपना परिचय स्वयं से कराते हैं
जो अनभिज्ञ है, उसे अभिज्ञ करते हैं
मौन का अर्थ समझते हैं
अंतरमन का रहस्य खोलते हैं सम्मुख स्वयं के
एक रिश्ता अपनी आत्मा और चित्त से बनाते हैं
प्रेम और आलिंगन का बोध कराते हैं
परिचय, परिचायक और परीक्षक स्वयं को बनाते हैं
आज चलो स्वयं से,अपना परिचय कराते हैं

©Shweta Mairav
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