मन के अंधेरे में जो राज़ दफ्न हैं, वो सिर्फ़ हम और हमारा दिल जानते हैं। वक़्त की आंधियों में आंसू , जो मोती बनके दफ्न हैं, वो सिर्फ़ हम और हमारा दिल जानते हैं। मन के अंधेरे में जो राज़ दफ्न हैं, वो सिर्फ़ हम और हमारा दिल जानते हैं। वक़्त की आंधियों में आंसू , जो मोती बनके दफ्न हैं।