खुशबू माटी की बडी सुहानी लगती हैं, मेरे गांव में सिर्फ मोहबत मिलती हैं। रोटिया चुलहे की क्या स्वाद होती हैं। रोनक त्योहारो की क्या खुब दिखती हैं। मेरे गांव में सिर्फ मोहबत दिखती है। खुले आंगन में हुक्का पीते बुजुर्ग हमारे, गलियो में किलकारिया मारते फिरते बच्चे सारे। गाती गीत लुगाईया सावन के, ठाठ देशी, देशी करतब सारे। फसल झूमती कितनी सोहनी लगती हैं। कुदरत यहा कितना हसती है। लोग पराये शहर में सारे। मेरे गओं में बस मोहबत मिलती हैं #गाव