एक कोने में छिपी, डरी, सहमि सी बैठी हु.. डर नही लगता मुझे, पता नही जाने क्यो फिर भि डरी सी बैठी हु.. आज़ाद हुए कई साल हुए , फिर अब क्यों डरी सी बेठी हु.. चाहती हूं उड़ना आसमा में , पर पँखो बिना ही बेठी हु .. खेतों में जो पसीना है में उस किसान की गुड़िया हु.. और अब शायद .. भुल गए है सभी मुझे " में वो सोने की चिड़िया हु" .. " में वो सोने की चिड़िया हु" `जयंत~ #Nojotolove #nojotoofficial #Nojotovichar SUNIL MADAAN