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क्यू आज अपने ग़म को छुपा कर खामोश हो गयी मेरी जुन

  क्यू आज अपने ग़म को छुपा कर खामोश हो गयी
मेरी जुनून-ताकत हो तुम क्युं इससे बाहोश हो गयी
जानती हो तुम ये दिल रोता है तेरे दर्द मे होने से
जो पूछा राज़ जख्म का तो बोली याद मे तेरी पागल हो गयी#Poetry 
written by Prakhar Sharma
  क्यू आज अपने ग़म को छुपा कर खामोश हो गयी
मेरी जुनून-ताकत हो तुम क्युं इससे बाहोश हो गयी
जानती हो तुम ये दिल रोता है तेरे दर्द मे होने से
जो पूछा राज़ जख्म का तो बोली याद मे तेरी पागल हो गयी#Poetry 
written by Prakhar Sharma