श्वेत अश्व - रत्न जड़ित रथ पर सवार, आए माधव-पार्थ युद्ध के द्वार, जिस पल की थी वर्षो से प्रतीक्षा, उसे पूरी करने की है पांडवो की आकांक्षा, बीते वर्षो में पांडवो द्वारा बिताये गए वनवास और अज्ञातवास की परीक्षा, उन वर्षो में कौरवो ने हर संभव प्रयास कर की पांडवो की समीक्षा। अब नहीं बची कोई शांति की प्रक्रिया, प्रयत्न कर पांडवो ने सब देख लिया। शांति प्रस्ताव को कर अस्वीकार आया यह परिणाम, आरम्भ होने को अब महाभारत का संग्राम। दोनों पक्ष में वीर-महावीर असंख्य, कभी नहीं होगा फिर ऐसा युद्ध प्रचंड, चिरोकाल वृत्तांत कर इस कथा की, अमर रहेंगे सभी नायक-खलनायक इस गाथा के । इतिहास को एक महाकाव्य के रूप में देखा, विश्व की सबसे बड़ी ग्रंथ बनी जिससे बहुत कुछ सीखा, भाद्र पद कृष्ण पक्ष अष्टमी की बेला, सम्पूर्ण विश्व में आनंद छाया है पवित्र घड़ियों की मेला।। 🙏श्री कृष्ण जनमाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏 - Rahul Roy 'Dev'© #Krishna #Janamasthami #Poetry #kavita #InspireThroughWriting