Nojoto: Largest Storytelling Platform

सोचा,भला कौन मुझ गरीब का पीछा कर सकता है मैं निकम्

सोचा,भला कौन मुझ गरीब का पीछा कर सकता है
मैं निकम्मा तो था ही
फिर आगे बढ़ने लगा तो
महसूस किया
कोई खुद को महसूस करवाना चाहता है
मेरा चैन उडा, मैं हुआ खड़ा
मैं भी हवा में बातें करने लगा
हाँ, कौन? 
आवाज आई, बेटा, घर पर सब खैरियत है
हाँ, तुम कौन
बेटा अपना और अपनी बीमार माँ का ख्याल रखना
ये सुनकर मेरी आँखों में आँसू आ गए
मैं जब तक समझा और बातें करना चाहता था
उसके बाद न महसूस हुए,न आवाज आई
वो मेरे पिताजी थे जो मुझे संदेश देना चाहते थे।

©Santosh Narwar Aligarh
  kadmon ki aahat sunte hi#nojoto

kadmon ki aahat sunte hinojoto #Shayari

1,594 Views