Nojoto: Largest Storytelling Platform

नैसर्गिक होती बर्फ, बारिश और होती धूप कोई पाता बु

नैसर्गिक होती  बर्फ, बारिश और होती धूप
कोई पाता बुद्धि विवेक, कोई पाता है रूप

चार दिन का खेल ये जीवन, मत करना रे अभिमान
कोई पैदल चलता है,कोई रेल, बस, कोई विमान 

कुएँ का मेढक टर्र टर्र करता, शांत रहती व्हेल विशाल
कोई थककर भी मुस्काता, कोई यूँ ही पड़ जाता निढाल

तराजू के पलड़े दोनों तरफ झुकते, इस बात का धरो ध्यान
तलवार तो चोट करती, बुद्धिमान रखते जिसे सदा म्यान

©Kamlesh Kandpal
  #Dohe