ऐसा क्या लिखूँ ... कि अल्फ़ाज मेरे हो अक़्स तेरा बन जाए... ऐसा क्या लिखूँ..... कि दर्द मेरा बयाँ करू अश्क़ तू बहाए... ऐसा क्या लिखूँ ...... कि बोल मेरे हो और सरगम तू बन जाए..... ऐसा क्या लिखूँ.. क्या लिखूँ मैं ऐसा कि ख़ून ए जि़गर मेरा हो...तड़प तू जाए.... ऐसा क्या लिखूँ ... कि अल्फ़ाज मेरे हो अक़्स तेरा बन जाए... ऐसा क्या लिखूँ..... कि दर्द मेरा बयाँ करू अश्क़ तू बहाए... ऐसा क्या लिखूँ ...... कि बोल मेरे हो और सरगम तू बन जाए..... ऐसा क्या लिखूँ.. क्या लिखूँ मैं ऐसा कि ख़ून ए जि़गर मेरा हो...तड़प तू जाए....