चले जाओ यहां से कि ये दुनिया अब तुम्हारी नहीं रही.. बसाओ कोई सुकून का शहर कहीं और जाकर कि अब ये महफ़िल तुम्हारी नहीं रही.. हमने तो यूं ही तुम्हें फरिश्ता समझ लिया था दिल और जान लूटा बैठे थे इश्क में तेरे पर तेरी खोटी नियत देखकर अब मेरे दिल के जज़्बात तुम्हारी नहीं रही.. तेरे जाने का अफसोस नहीं है अब मुझको क्योंकि तेरे होने पर भी दिल बेसुकून था अब तेरे जाने पर, तुझे पाने को ख्वाइश बाकी नहीं रही.. ©Kalpana Srivastava #बाकी