बेहिसाब हसरतें इस दिल की, न जाने कब पूरी होगी| पूरी हो जाए अगर एक भी, तो फ़िर दूसरी भी आ जाएगी| हसरतें है ए,इतने जल्दी नही मिटती, हर रोज पुरानी हसरतों के साथ एक नयी है जुड़ती| 👉🏻 प्रतियोगिता- 284 🙂आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा शब्द है 👉🏻🌹"बेहिसाब हसरतें "🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I