मिन्नतें हजार की हजार कि दुआएं मुकम्मल इश्क बनाने को, इस कदर मशरुफ थी तेरी मोहब्बत में बस तेरा शौक रहा ,न हि ज़माने की। ना तुझे ये मंजूर था न हि खुदाया पाक को पाकिजा - मोहब्बत न बन सकी तो सही अब क्या मतलब मन्नतें मजारों में। ~निवा सिंह~ #NojotoQuote #मोहब्बत #मिन्नत