बचपन था, बचपना भी, पर सपने कहाँ छोटे, वो तो बड़े थे, उन सपनों का हिस्सा थी साइकिल , तेज चलाने की करते कोशिश, पर ध्यान कहाँ पैडल पर था, उस जमाने में , गाडी़ जैसी शान थी साइकिल .. स्वस्थ रखती आलस भगाती, पहले कैंची, फिर सीट सीखते, रास्तों का हमसफ़र थी साइकिल... #WorldBicycleDay #nojotoindia #nojotohindi #worldcycleday #newtrand #lockdown Vikash shyoran