।। बहुत हो रही है मुश्किलें इस जहान में ।। बहुत हो रही है मुश्किलें इस जहान में कहीं हो रही हैं मौतें व्यापम के जाल में कहीं हो रहे घोटाले पैसे के माया जाल में बहुत हो रही हैं मुश्किलें इस जहान में । कहीं भाई मारता है खून को जमीन की खातिर कहीं मारी जाती है बेटी झूठी जमीर की खातिर कहीं मारता है इंसान इंसानियत को जीतने के लिए इस जहान में , बहुत हो रही हैं मुश्किलें इस जहान में । बहुत हो रही हैं मुश्किलें इस जहान में । घर में हो गए हैं बंटवारे कि अब प्यार न रहा मकान में सो जाते हैं भूखे फुटपाथ पर जिनका होता नहीं कोई जहान में कहीं सोती माँ को मार जाता है नशे के अभाव में बहुत हो रही हैं मुश्किलें इस जहान में । अगर इंसान करे जरा भी ख्याल जहान पर करे थोड़ी दया तबाह होते जहान पर खुद समझे और समझाए दूजों को अपनों की खातिर तो न रहेंगी मुश्किलें इस जहान में _ _ _ बहुत हो रही हैं मुश्किलें इस जहान में । ✍️✍️✍️ अमरेन्द्र ।। बहुत हो रही है मुश्किलें इस जहान में ।।