कहाँ से लेकर कहाँ तक चले बाकी है अभी मंज़िल का सफ़र न जाने कब कहाँ क्या-क्या मिले सुप्रभात। आँखों में लेकर ख़्वाब चले, वो ख़्वाब कि जो दिन-रात जले... #लेकरख़्वाबचले #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi