I thought जब भी कभी एकांत में रहती हैं मन की अधूरी ख्वाहिशें खंगाले है कई बिसरी यादों का अतुल्य जमघट और सूखे हुए अश्कों का कोना बिखरी हुई कुछ अनछुए पहलू और सिमटते हुए अल्फ़ाज़ तुम्हारा इंतज़ार है ।।।।।