Mantri Ji पहले पहले जब आए थे वादों के भंडार लाये थे जैसे जैसे समय बढ़ा वादों का नाम ओ निशाना मिटा बेरोजगारी का कारोबार बढ़ा अब जनता फिर पछताये रही वादों के जंजाल में फंसी कहते सब एक दूजे से फिर से आये हैं फिर से भ्रष्ट मंत्री जी ©Poetrywithakanksha #Mntri #nojotopoetry #nojotoshayari #MyThoughts #nojotohindi #Nojotochallenge #WForWriters Himanshu Jagdish Sharma Pankaj Singh