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विर्द-ए-वफ़ा का तासीर होने लगा है रूह पे अब तो खुद

विर्द-ए-वफ़ा का तासीर होने लगा है रूह पे
अब तो खुदा ही जाने किस पल है वस्ल-ए-यार का आलम।  Urdu_Word_Collab_Challenge_
Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry
आज का लफ्ज़ है "विर्द"

अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,,
जो सबसे विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा !
और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।
विर्द-ए-वफ़ा का तासीर होने लगा है रूह पे
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आज का लफ्ज़ है "विर्द"

अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,,
जो सबसे विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा !
और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।
madhujain8595

Madhu Jain

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